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    परिकल्पना एवं उद्देश्य

    रोहतक के नैसर्गिक भूपृष्ठ एवं भव्य परिदृश्य के बीच शोभयमान है- पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय रोहतक ।
    इस विद्यालय का इतिवृत्त विकास यात्रा की एक बेहतरीन मिसाल, शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रयास, समर्पण, और अनवरत प्रतिबद्धता की कहानी है । इस प्रतिष्ठित संस्थान की उत्पत्ति उन दूरदर्शियों से जुड़ी है जिन्होंने विद्यालय के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता को महसूस किया। शुरुआती वर्षों में, एक ऐसे शैक्षिक मंच की आवश्यकता थी जो न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दे, बल्कि अनुशासन, सत्यनिष्ठा, और देशभक्ति के मूल्यों को भी समाहित करे।
    यह केवल एक सामान्य स्कूल नहीं था, बल्कि एक आशा की किरण, ज्ञान का किला, और शिक्षा का एक सुरक्षित स्थान था। 1995 में जब नींव का पत्थर रखा गया, तो उसमें आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाएं समाहित थीं, और स्कूल के गलियारों में एक उज्ज्वल भविष्य का वादा गूंजता था। जैसे-जैसे समय का सिलसिला चलता गया, केन्द्रीय विद्यालय रोहतक तरक्की के सोपान चढ़ता रहा । आहिस्ता आहिस्ता यह एक शैक्षिक उत्कृष्टता, सह-पाठ्यक्रमिक उपलब्धियों, और समग्र विकास का केंद्र बन गया। शिक्षण प्रक्रिया नवाचार का केंद्र बन गईं । खेल के मैदानों में उभरते खिलाड़ियों का ज़ज़्बा अनुगूँज बन गया और केंद्रीय विद्यालय रोहतक ने खेलों में अप्रतिम इतिहास रचे ।
    यह केवल ईंट और पत्थर के भवन की कहानी नहीं है, बल्कि यह सपनों की पूर्ति, नियति के आकार, और विरासत के निर्माण की एक गाथा है। यह शिक्षा की शक्ति का प्रमाण है, जो जीवन को नई दिशा देकर एक उज्ज्वल कल की ओर अग्रसारित कर सकती है।

    हमारा मिशन :

    एक समावेशी, नवीन शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देना जो छात्रों को उनकी क्षमता का पता लगाने, उनकी प्रतिभा का पोषण करने और उदार, आजीवन ज्ञान पिपासु बनने के लिए प्रोत्साहित करता है। हम समग्र शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो व्यक्तित्व विकास के साथ शैक्षणिक उत्कृष्टता में समन्वय स्थापित करती है । हमारे छात्रों को जीवन की चुनौतियों से निपटने और समाज में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार करती है।